chhutpankikavitayein

www.hamarivani.com

बुधवार, 23 जुलाई 2008

मैं अन्ग्रेज़ी पढी -लिखी

फ़िर से एक गीत, बच्चों के लिए, उनके गाने-नाचने के लिए। रिश्तों की नोक झोंक बच्चों के मुख से और भी ज़्यादा प्रीतकर लगने लगती है, देखें एपी भी-

मैं अन्ग्रेज़ी पढी -लिखी, मेरी किस्मत फूट गई मम्मी जी
जब मैं जाऊं, पेपर पड़ने
ससुरा मेरा आ जाए जी,
पेपर-वेपर छोडो बहू, चाय ज़रा बना लो जी
मैं अन्ग्रेज़ी पढी -लिखी, मेरी किस्मत फूट गई मम्मी जी
जब मैं जाऊं मेक अप कराने, सासू मेरी आ जाए जी,
मेक अप, वेक अप छोडो बहू, खाना ज़रा बना लो जी
मैं अन्ग्रेज़ी पढी -लिखी, मेरी किस्मत फ़ुट गई मम्मी जी
जब मैं जाऊं टी वी देखने, ननदी मेरी आ जाए जी,
टी वी ,वी वी छोडो भाभी, साडी जरा पहना दो जी,
मैं अन्ग्रेज़ी पढी -लिखी, मेरी किस्मत फ़ुट गई मम्मी जी
जब मैं जाऊं पिक्चर देखने, देवर मेरा आ जाए जी,
पिक्चर-विक्चर छोडू भाभी, भजिये ज़रा बना दो जी।
मैं अन्ग्रेज़ी पढी -लिखी, मेरी किस्मत फ़ुट गई मम्मी जी ।

मेरी मुर्गी खो गई है ना

यह गीत भी हम सब बच्चों के थिएटर वर्कशौप में गाते हैं। बच्चे बड़े मजे ले कर इसे गाते हैं और इस पर नाचते हैं। आपका मन करे तो रुकियेगा मत। लोक गीत का रस और रिश्ते की चुहल का मज़ा आप भी लें।

मेरी मुर्गी खो गई है ना
मेरा दिल ठिकाने nahi ना
ससुर आया बोला बहू क्या बनाया खाना
तुम चुपचाप अखबार पढो ना,
मेरा दिल ठिकाने है ना
सासू आई बोली बहू, क्या बनाया खाना,
तुम चुप चाप मन्दिर जाओ ना,
मेरा दिल ठिकाने है ना
ननद आई, बोली भाभी क्या बनाया खाना,
तुम अपनी ससुराल जाओ ना,
मेरा दिल ठिकाने है ना
देवर आया, बोला, भाभी, क्या बनाया खाना
तुम अपनी दुल्हन लाओ ना,
मेरा दिल ठिकाने है ना
पति आया बोला रानी क्या बनया खाना
श ..श..श..श॥
छींके पर मुर्गी है ना
तुम चुप चाप ले के खाओ ना
ससुर से कुछ कहियो ना
तुम चुप चाप मुर्गी खाओ ना
सासू से कुछ कहियो ना
मेरा दिल ठिकाने है ना
देवर से कुछ कहियो ना
मुर्गी तुम ले कर खाओ ना
ननदी से जा कहियो ना
तुम चुप चाप मुर्गी खाओ ना।

मेरी मुर्गी खो गई है ना

मेरा दिल ठिकाने हैना