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सोमवार, 17 नवंबर 2008

एक अजूबा हमने देखा

svapnil ne bahut din baad ek kavitaa bhejii hai-


एक अजूबा हमने देखा

कुएं में लग गई आग

पानी पानी जर गओ,

मछरी खेलें फाग

नाव में नदिया डूबी जाए
एक अजूबा हमने देखा

कुँए में लग गई आग
पानी पानी जर गओ,

मछरी खेलें फाग

नांव में नदिया डूबी जाये

-स्वप्निल

1 टिप्पणी:

seema gupta ने कहा…

नाव में नदिया डूबी जाए
एक अजूबा हमने देखा

कुँए में लग गई आग
पानी पानी जर गओ,

" wah, ye ajuba humne bhee pehle baar hee pdha..."

Regards