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सोमवार, 14 दिसंबर 2009

चिडिया चली चांद के देश

इस बार की कविता कोशी की याद से. आप भी अपनी याद को जरा टटोलिए और अपनी कविता हमें भेजें इस ब्लॉग के लिए- gonujha.jha@gmail.com पर

चिडिया चली चांद के देश

नन्हें नन्हें पंख संवारे

साथ ना कोई संगी साथी

चली अकेले बिना सहारे

ऊपर को वो उडती जाए

बडे मज़े से गाना गाए,

अपने नन्हे पंख हिलाती

ऊंचा उडना उसको भाए

4 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत सुन्दर बालगीत है।बधाई।

ACHARYA RAMESH SACHDEVA ने कहा…

GOOD ONE
REALLY GOOD FOR NURSERY KIDS

ACHARYA RAMESH SACHDEVA ने कहा…

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SHERGARH (MANDI DABWALI) -125104

Udan Tashtari ने कहा…

प्यारा बाल गीत!