घुघुआ मन्ना एक तरह का खेल है, बच्चों के साथ बडों का खेल। बड़े ख़ुद पीठ के बल लेट जाते हैं और अपने घुटने मोड़ कर बच्चे को अपने पंजे पर बिठाते हैं। फ़िर घुटनों से पंजे को झुलाते हुए बच्चे को उस पर झुलाते हैं। "पुरान घर गिरे, नया घर उठे " पर बच्चे को लिए -लिए पंजे को ऊपर और ऊपर ले जाते हैं। यह इतना मजेदार और आरामदायक होता है, झूले की तरह कि बच्चे तो उसी पर सो भी जाते हैं। बचपन में मेरी बेटी तोषी के सोने की तो वही जगह थी। आप भी इससे परिचित होंगे। लीजिए, देखिए तो,
घुघुआ मन्ना, उपजे धन्ना
तोषी खाए दूध -भतवा
कुतवा चाटे पतवा
आबे दे रे कुतवा
मारबौउ दू लतावा
गे बुढ़िया बर्तन बासन
सब सरिया के तू रखिहे
पुरान घर गिरे
नया घर उठे