अभी अवितोको की ओर से बच्चों का थिएटर वर्कशॉप चल रहा है. सबसे छोटी प्रतिभागी है, 4 साल की एक बच्ची- अनुष्का. उसने यह कविता हम सबको सुनाई. अब वह कविता इस वर्कशॉप की प्रस्तुति का एक हिस्सा है. आप भी देखें. प्रस्तुति देखने के लिए भी आप आमंत्रित हैं. और हां, अपनी यादों के झरोखे से एकाध कविता चुरा लाइये, आज के नौनिहालों के लिए. भेजें- gonujha.jha@gmail.com पर:
गुडिया मेरी रानी है,
लगती बडी सयानी है,
गोरे-गोरे गाल हैं,
लम्बे-ललम्बे-लम्बे बाल हैं,
आंखें नीली-नीली हैं,
साडी पीली-पीली है,
बडा गले में हार है,
मुझको इससे प्यार है,
अपने पास बिठाती हूं,
बर्फी उसे खिलाती हूं,
मीठी उसकी बानी है,
गुडिया मेरी रानी है!