मेरे अनुरोध पर सोनाली सिंह ने अपने बचपन के पिटारे से कुछ कवितायें भेजी हैं। सोनाली सिंह हिन्दी की युवा कथा लेखक हैं। इनकी अभी-अभी एक कहानी "हंस" के मई, २००९ अंक में छपी है- "क्यूतीपाई । आप भी अपने यादों के पिटारे से कवितायें भेजें- gonujha.jha@gmail.com पर।
पुरानी यादे ताज़ा करो।
1।) मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर
जायेगीबाहर निकालो मर जायेगी।
2।) पोशम्पा भाई पोशम्पा,
सौ रुपये की घडी चुराई।
अब तो जेल मे जाना पडेगा,
जेल की रोटी खानी पडेगी,
जेल का पानी पीना पडेगा।
थै थैयाप्पा थुशमदारी बाबा खुश।
3।) झूठ बोलना पाप है,
नदी किनारे सांप है।
काली माई आयेगी,
तुमको उठा ले जायेगी।
4।) आज सोमवार है,
चूहे को बुखार है।
चूहा गया डाक्टर के पास,
डाक्टर ने लगायी सुई,
चूहा बोला उईईईईई।
5।) आलू-कचालू बेटा कहा गये थे,
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।
6।) तितली उडी, बस मे चढी।
सीट ना मिली,तो रोने लगी।
ड्राईवर बोला आजा मेरे पास,
तितली बोली " हट बदमाश "।
1 टिप्पणी:
bachapana ki yaad aa gayee.....
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